Categories
Fellowship Hindi Blogs JSW Foundation Fellowship

ढलती हुई शाम

जब भी छत से बैठकर, देखता हुँ ढलती हुई शाम, अरब सागर मे डूब रहा होता है, सूरज लेकर अल्पविराम, निकल पड़ते हैं परिंदे, होते ही शाम, अँधेरे से पहले पहुँच, ठिकाने करे आराम । अपनी चहचहाहट से सुबह , देते सबको पैगाम, उठ कर साथियों करो, सूरज की सुनहरी किरणों को सलाम, फिर भी […]